वैदिक मंत्र उपाय
सूर्य का वैदिक मंत्र:
ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।
चंद्र का वैदिक मंत्र:
ॐ इमं देवा असपत्नं सुवध्यं महते क्षत्राय महते ज्यैष्ठ्याय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय।
इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोऽमी राजा सोमोऽस्माकं ब्राह्मणानां राजा।।
मंगल का वैदिक मंत्र:
ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्।
अपां रेतां सि जिन्वति।।
बुध का वैदिक मंत्र:
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
गुरु का वैदिक मंत्र:
ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।
शुक्र का वैदिक मंत्र:
ॐ अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत् क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:।
ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानं शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।
शनि का वैदिक मंत्र:
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।
शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।
राहु का वैदिक मंत्र:
ॐ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदावृध: सखा।
कया शचिष्ठया वृता।।
केतु का वैदिक मंत्र:
ॐ केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेशसे।
सुमुषद्भिरजायथा:।।
वैदिक मंत्र उपाय
सूर्य का वैदिक मंत्र:
ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च। हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।
चंद्र का वैदिक मंत्र:
ॐ इमं देवा असपत्नं सुवध्यं महते क्षत्राय महते ज्यैष्ठ्याय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय। इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोऽमी राजा सोमोऽस्माकं ब्राह्मणानां राजा।।
मंगल का वैदिक मंत्र:
ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्। अपां रेतां सि जिन्वति।।
बुध का वैदिक मंत्र:
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च। अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
गुरु का वैदिक मंत्र:
ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।
शुक्र का वैदिक मंत्र:
ॐ अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत् क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:। ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानं शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।
शनि का वैदिक मंत्र:
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।
राहु का वैदिक मंत्र:
ॐ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदावृध: सखा। कया शचिष्ठया वृता।।
केतु का वैदिक मंत्र:
ॐ केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेशसे। सुमुषद्भिरजायथा:।।