विशेष टोटका उपाय

(नवग्रहों की अनुकूलता हेतु दान सामग्री)

तंत्र, मंत्र, यन्त्र और टोटके सिद्धि के विषय में विविध नियमों का पालन करने को कहा जाता है।  कुछ शास्त्रीय रूप से सरल टोटके भी होते हैं जो सरलता पूर्वक किया जा सकता है और पूर्ण रूप से कार्य भी करता है। यहाँ पर दिया गया टोटके रूप में नवग्रहों के दान सामग्री है। इस सामग्री को अपने हाथों से ही दान करना चाहिए। कोई कारण वस खुद नहीं कर सकें तो अपना हाथ लगाकर अपने खून के सम्बंध वाले के माध्यम से करवा सकते हैं। इसमें दिया गया सामग्रियों का दान कम से कम सात बार करनी चाहिए। अपने जन्म कुंडली को देखकर शुभ अशुभ ग्रहों के सिसाब से दान करना विशेष हितकर माना जाता है अतः हो सके तो किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। ध्यान रखें कि सामग्री का दान उचित समय तथा उचित दिन में ही हो। अधिक जानकारी के लिए आप हमसे सम्पर्क कर सकते हैं।

सूर्य की अनुकूलता हेतु:

रविवार के दिन लाल कपड़े के अंदर ''लाल फूल, लाल फल, लाल चन्दन, लाल सिंदूर, गेहूँ, गुड़ तथा ताम्बा से बना हुआ कोई पात्र" को रख कर पोटली बनालें फिर उस पोटली के साथ वरण वस्त्रादि सहित किसी ब्राह्मणों को दान कर दें । दान का समय सूर्योदय काल ।

चन्द्रमा की अनुकूलता हेतु:

सोमवार के दिन सफेद कपड़े के अंदर "सफेद फूल, सफेद चन्दन, चावल, चीनी, दही, कर्पुर तथा चांदी" को रख कर पोटली बनालें फिर उस पोटली के साथ वरण वस्त्रादि सहित किसी गौर वर्ण ब्राह्मणों को दान कर दें । दान का समय संध्या काल ।

मंगल की अनुकूलता हेतु:

मंगलवार के दिन लाल या नारंगी कपड़े के अंदर "लाल फूल, लाल चन्दन, नारंगी रंग के सिंदूर, नारंगी रंग के फल, मसूर की दाल, केसर तथा सोना" को रख कर पोटली बनालें फिर उस पोटली के साथ वरण वस्त्रादि सहित किसी ब्राह्मणों को दान कर दें । दान का समय सूर्योदय काल के बाद एक घण्टा तक ।

बुध की अनुकूलता हेतु:

बुधवार के दिन हरे कपड़े के अंदर "मिश्रित फूल, हरे रंग के फल, हरा दुभ, साबुत हरा मुंग, किताबें, कॉपी-दवात तथा काँसे का बरतन" को रख कर पोटली बनालें फिर उस पोटली के साथ वरण वस्त्रादि सहित किसी ब्राह्मणों को दान कर दें । दान का समय सूर्योदय काल के बाद दो घंटे तक ।

गुरू की अनुकूलता हेतु:

बृहस्पतिवार के दिन पीले कपड़े के अंदर "पीले रंग का फूल, पीले रंग का फल, चने की दाल, साबुत हल्दी, घी, सहद तथा सोना या फिर पीतल" को रख कर पोटली बनालें फिर उस पोटली के साथ वरण वस्त्रादि सहित किसी ब्राह्मणों को दान कर दें । दान का समय संध्या काल ।

शुक्र की अनुकूलता हेतु:

शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े के अंदर "सफेद फूल, सफेद चन्दन, चावल, श्रृंगार की वस्तुएं, ईत्र, दूध तथा चीनी" को रख कर पोटली बनालें फिर उस पोटली के साथ वरण वस्त्रादि सहित किसी गौर वर्ण ब्राह्मणों को दान कर दें । दान का समय सूर्योदय काल ।

शनि की अनुकूलता हेतु:

शनिवार के दिन काले या नीले कपड़े के अंदर "काले या नीले रंग के फूल, काला तिल, तिल का तेल, सरसों का तेल, जूता, छाता तथा लोहा" को रख कर पोटली बनालें फिर उस पोटली के साथ वरण वस्त्रादि सहित किसी काले या श्याम वर्ण ब्राह्मणों को दान कर दें । दान का समय मध्यान्ह काल ।

राहु की अनुकूलता हेतु:

शनिवार रात्रि के समय में धूम्र वर्ण कपड़े के अंदर "नीला फूल, सात प्रकार का मिला हुआ अनाज, उड़द दाल, सरसों का तेल, लोहे का पात्र, लोहे का चाकू तथा श्रीखंड चन्दन" को रख कर पोटली बनालें फिर उस पोटली के साथ वरण वस्त्रादि सहित किसी श्याम वर्ण ब्राह्मणों या फिर भिखारियों को दान कर दें । दान का समय रात्रि ।

केतु की अनुकूलता हेतु:

बुधवार रात्रि के समय में धूम्र वर्ण कपड़े के अंदर "काला फूल, कस्तूरी, साबुत उड़द, काला तिल, काली मिर्च, सात प्रकार का मिला हुआ अनाज तथा कंबल” को रख कर पोटली बनालें फिर उस पोटली के साथ वरण वस्त्रादि सहित किसी भिखारियों को दान कर दें । दान का समय रात्रि ।