पीतर दोष शान्ति पूजा अनुष्ठान
हम अपने पूर्वजों के नीवित कुछ नहीं करते या नहीं किये रहते हैं या फिर उनका बारम्बार अभेलना करते हैं तो हम पर पितर दोष लग जाता है। पितर दोष एक प्रकार का श्राप ही होता है जो हमारे रास्ते में दुःख तथा विघ्नों का पहाड़ लाकर खड़ा कर देता है। पितर दोष कई कारणों से हो सकता है। जैसे कि पितरों के बारम्बार अभेलना से, अपने कुल पुरोहित को मारने या धुत्कारने से, कुत्ते को जान से मार देने से, पीपल को बारम्बार काटने से, अपने मर्यादा को बारम्बार लांघने से, या फिर किसी विशेष कारण से। अपने जन्म कुण्डली के माध्यम से आप पितर दोष के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं। अगर आप चाहे तो अपने जन्म कुण्डली को किसी अच्छे ज्योतिष विद्वानों से विश्लेषण करा कर इस बारे में जानकारी लें सकते हैं। पितर दोष के कारण जातक को विभिन्न कार्यों में बाधा उत्पन होता रहता है। विवाहादि में रुकावट, पारिवारीक झगड़े, अपमान, अपजस, दोषारोपण, बारम्बार बिमार पर जाना, विजनेस व्यपार में घाटा का सामना करना, नौकरी में परेशानियों के साथ-साथ कई प्रकार के दिक्क्तें जीवन में आते रहते हैं। किसी अच्छे मुहूर्त में किसी जानकार ज्योतिष पंडितों से पीतर दोष शान्ति पूजा अनुष्ठान अवश्य करवा लेनी चाहिए। पीतर दोष शांति पूजा अनुष्ठान करने से, पितरदोष काफी हद तक कम जाता है। विशेष जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।