अंगार योग शान्ति पूजा अनुष्ठान
कुंडली में मंगल और राहु एक साथ में हो तो अंगारक योग बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनेक कुयोगों में से यह एक खतरनाक योग है। यह योग जिस किसी की कुण्डली में बनता है उस व्यक्ति के जीवन में काफी उतार चढ़ाव आता रहता है। कामों में अस्थिरता बनी रहती है और बनते-बनते काम बिगड़ते रहते हैं। इस योग के प्रभाव से जमीन जायदाद से जुड़ी परेशानियां बनती रहती है। कुण्डली के चतुर्थ, अष्टम, नवम, द्वादश व प्रथम लग्न भाव में यह योग ज्यादा खतरनाक साबित होता है। फिर भी यह योग अच्छा और बुरा दोनों ही तरह का फल प्रदान करता है तथापि नारी की कुण्डली में यह योग सन्तान प्राप्ति में परेशानियां एवं पुरूष की कुण्डली में बाधाएं, धन संग्रह न हो पाना परिवारिक अशान्ति, केस मुकदमे में हानि तथा भय पूर्ण वातावरण सा बना देता है। अंगार योग बनने पर यदि मंगल व राहु पर गुरु व शुक्र की पूर्ण दृष्टि हो तो इस के दोष में कमी आती है। परन्तु इनके साथ सूर्य, गुरू या शनि होने से दोष और अधिक बढ़ जाता है। यह योग कर्क या धनु राशि पर बनने से अधिक खतरनाक हो जाता है। अंगार योग शान्ति पूजा अनुष्ठान अवश्य करवा लेनी चाहिए नहीं तो लम्बे समय तक परेशानियां बनी रहती है। विशेष जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।